iPhone Cost: भारत में Apple के आईफोन को लेकर एक अलग ही क्रेज है। यूजर्स को कंपनी के लेटेस्ट मॉडल का बेसब्री से इंतजार होता है, लेकिन इस बीच आईफोन लवर्स के लिए एक बुरी खबर है, जो यूजर्स को परेशान कर सकती हैं। आने वाले दिनों में Apple के Iphone की कीमतें 3 गुना तक बढ़ सकती हैं। आईफोन की कीमतों में इजाफा अमेरिका के नए टैरिफ के बाद देखने को मिल सकता है।
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए टैरिफ (शुल्क) लगाने की घोषणा की है। इसके बाद कई देशों में खलबली मची हुई है। इस बीच, एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि Apple आईफोन की कीमतों में इजाफा कर सकता है। क्योंकि अमेरिकी सरकार के इस कदम से कंपनियों को मैन्यूफैक्चरिंग नौकरियों को अमेरिका में वापस लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे देश की स्थानीय इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे स्मार्टफोन उपयोगकर्ता के लिए बहुत महंगे हो सकते हैं।
3 लाख तक महंगे हो सकते है iPhone
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर Apple अपने iPhone पूरी तरह से अमेरिका में बनाना शुरू कर दें — यानी हर पुर्जा वहीं तैयार हो और वहीं असेंबल किया जाएं, तो एक iPhone की कीमत करीब $3,500 (लगभग ₹3 लाख) तक पहुँच सकती है। वर्तमान में एक iPhone की कीमत करीब $1,000 (₹86,000) है।
आईफोन की कीमतें बढ़ने की वजह यह है कि अमेरिका में हाईटेक फैक्ट्रियाँ बनाना और उन्हें चलाना बहुत ज़्यादा महँगा होता है। वहाँ मजदूरी, टेक्नोलॉजी और ऑपरेशन की लागत दूसरे देशों की तुलना में कई गुना ज़्यादा है। सरल शब्दों में कहें तो, अगर iPhone पूरी तरह से अमेरिका में बने, तो उसकी कीमत आम लोगों की पहुँच से बाहर हो सकती है।
वर्तमान में अधिकतर आईफोन चीन में बनाए जाते हैं, जहां मजदूरी और टेक्नोलॉजी की लागत कम है। दूसरी ओर, अमेरिका में आईफोन मैन्यूफैक्चर करने के लिए Apple को अरबों डॉलर की लागत से नई फैक्ट्रियां बनानी होंगी। साथ ही एक मजबूत और कठिन सप्लाई चेन भी डेवलप करना होगा, जो एशिया में दशकों बाद तैयार हो पाई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एप्पल यदि अपनी सप्लाई चेन का मात्र 10% भाग भी अमेरिका में शुरू करना चाहे, तो तब भी उसे कम से कम 3 साल का समय चाहिए और लगभग $30 बिलियन (2.5 लाख करोड़ रुपए) का खर्चा भी आएगा।
iPhone बनाने में एशिया की बड़ी भूमिका
iPhone बनाने में अलग-अलग देशों का बड़ा योगदान होता है। इसकी सबसे जरूरी चीज़ें जैसे चिप्स ताइवान में बनती हैं, स्क्रीन साउथ कोरिया से आती हैं और बाकी कई हिस्से चीन में तैयार होते हैं। इन सभी पुर्जों को बाद में चीन की फैक्ट्रियों में एक साथ जोड़कर iPhone तैयार किया जाता है।
Apple का यह तरीका — यानी कई देशों से पुर्जे मंगवाना और उन्हें चीन में असेंबल करना — उसे कम खर्च में प्रोडक्ट बनाने में मदद करता है। इससे कंपनी को अच्छा मुनाफा होता है। यही वजह है कि Apple दुनिया की सबसे कामयाब टेक कंपनियों में से एक बन पाई है।