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क्या आपने कभी सोचा की स्टील और लोहा सेम दिखते हैं फिर भी स्टील में जंग नही लगता है और लोहे में आसानी से जंग लग जाता है।

Iron and Steel: रोजमर्रा के जीवन में बहुत सी ऐसी चीजें देखते और उनका उपयोग करते हैं। क्या आपने कभी सोचा की स्टील और लोहा सेम दिखते हैं फिर भी स्टील में जंग नही लगता है और लोहे में आसानी से जंग लग जाता है। आखिर स्टील और लोहे में क्या अंतर है, यह जानने की कोशिश करते हैं।

दुनिया में लोहा सबसे ज्यादा उपयोग में लाई जाने वाली धातु है फिर भी इसका शुद्ध रूप में उपयोग नहीं होता है। इसका मुख्य कारण लोहे का नर्म होना। शुध्द लोहा बहुत ही नर्म होता है और गर्म होने पर यह आसानी से खिंच जाता है। लोहे को कठोर बनाने के लिए उसमें थोड़ा सा कार्बन मिला दिया जाता है। जिससे वह कठोर रूप ले सके। जबकि स्टील की प्रकृति कठोर होती है। स्टील की प्राप्ति लोहे और कार्बन के मिश्रण से ही होती है। लोहा एक तत्व है, तो वहीं स्टील लोहे से बनी एक मिश्र धातु है। फिर भी स्टील में जंग नहीं लगती। जबकि लोहा अक्सर जंग लगने से खराब हो जाता है।

क्यों नहीं लगता जंग
लोहे के ही मिश्र धातु द्वारा स्टील बनती है और इसे जंग रहित बनाने के लिए लोहे में निकेल और क्रोमियम मिला दिया जाता है। जिसके बाद स्टेनलेस स्टील की प्राप्ति होती है। स्टील पहले से ही कठोर प्रवृत्ति की होती है। इसकी खासियत यह भी है, कि यह अधिक ताप सहन करने की क्षमता रखती है। स्टेनलेस स्टील वायुमंडल, कार्बनिक और अकार्बनिक एसिड के संपर्क में आने के बाद भी खराब नहीं होता है। यही कारण है कि लोहे की मोटी से मोटी चादर भी जंग लगने की वजह से खराब हो जाती है और स्टील पर कोई प्रभाव नही पड़ता है।

स्टेनलेस स्टील 
स्टील का परिष्कृत रूप स्टेनलेस स्टील होता है। आमतौर पर घर में उपयोग किए जाने वाले बर्तन स्टेनलेस स्टील से ही बनाए जाते हैं। स्टेनलेस स्टील में क्रोमियम की मात्रा ज्यादा होती है। नार्मल स्टील की अपेक्षा स्टेनलेस स्टील ज्यादा उच्च क्वालिटी का माना गया है। ब्लेड भी स्टेनलेस स्टील का ही उदाहरण है।

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