Fake Pregnancy In Italy : इटली से चौंकाने वाला एक मामला सामने आया है। यहां 50 साल की महिला ने मातृत्व लाभ लेने के लिए 5 बच्चों को जन्म देने और 12 बार गर्भपात कराने का झूठा दावा किया। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होता तब तक महिला सरकार के 98 लाख रुपए ले चुकी थीं।
स्थानीय प्रेस के अनुसार, बारबरा इओले (50) ने इस फर्जीवाड़ा को करीब 24 साल तक अंजाम दिया। महिला सरकार को धोखा देकर लाभ लेती रही। महिला ने दावा किया कि उसने पांच बच्चों को जन्म दिया और 12 बार गर्भपात हुआ। इसके लिए उसे सरकारी लाभ के तौर पर 98 लाख रुपए से ज्यादा मिले। इसके अलावा उसने हर प्रेग्नेंसी और अबॉर्शन के नाम पर मैटरनिटी लीव भी ली।
कैसे हुआ खुलासा
आरोपी महिला ने बीते साल दिसंबर में एक बच्चे को जन्म देने की बात कही। इस दौरान अधिकारियों को शक हुआ तो वह जांच के लिए महिला के घर पहुंचे। यह जानने कि महिला ने क्या वाकई में बच्चे को जन्म दिया है या नहीं। जांच में पाया गया कि महिला की अब तक की सारी बातें झूठी थी। इन सालों में वह एक बार भी प्रेगनेंट नहीं हुई।
बेबी बंप दिखाने पेट पर लगाती थी तकिया
रिपोर्ट में सामने आया कि महिला खुद को बेबी बंप के साथ दिखाने के लिए पेट पर तकिया लगा लेती थी। यहीं नहीं महिला गर्भवती औरतों की तरह चलने की नकल भी करती थी, ताकि किसी को उस पर शक न हो। लेकिन पांचवी बार में उसका झूठ पकड़ा गया।
फर्जी दस्तावेजों से लिया सरकारी लाभ
कोर्ट में विपक्ष के वकीलों ने आरोप लगाया कि महिला ने रोम के एक अस्पताल से जन्म प्रमाण पत्र चुराकर उनका अवैध तरीके से इस्तेमाल किया और अपने घोटाले में के लिए कई जाली दस्तावेज बनाए। अदालत में साबित हुआ कि आरोपी महिला के पांचों बच्चों को न ही कभी किसी ने देखा है, न ही बच्चों के जन्म और पहचान पत्र संबंधित कोई कानूनी दस्तावेज़ में मौजूद हैं।
पार्टनर ने ही खोल दी पोल
सरकारी गवाह बनकर सजा कम किए जाने के वादे के बाद महिला के पार्टनर डेविड पिज़्ज़िनाटो ने भी उसके खिलाफ गवाही देते हुए बताया कि उसे पता था कि उसकी पार्टनर कभी गर्भवती नहीं थी। हालांकि महिला अपनी बात पर अड़ी रही कि उसने पांच बच्चों को जन्म दिया है और वह 12 बार गर्भपात कराने के अपने दावे पर भी मजबूती से कायम रही।
अब हुई सजा
महिला पर राज्य सरकार के लाभों में धोखाधड़ी करके संपत्ति अर्जित करने और 24 साल की अवधि नौकरी पर फर्जी मैटरनिटी लीव लेने का आरोप लगाया गया। उसे सभी आरोपों में दोषी पाये जाने के बाद एक साल और छह महीने जेल की सजा सुनाई गई।