China Punishment Drill in Taiwan: ताइवान में नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के शपथ लेने के ठीक 2 दिन बाद चीन ने द्वीप देश पर दबाव बनाना शुरू करना दिया है। चीन ने ताइवान को घेरकर दो दिनों की ड्रिल शुरू की है। इसे चीन ने पनिशमेंट ड्रिल का नाम दिया है। शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने एक सैन्य प्रवक्ता के हवाले से बताया कि गुरुवार को शुरू किए गए सैन्य अभ्यास का उद्देश्य ताइवान स्वतंत्रता बलों के अलगाववादी कृत्यों के लिए कड़ी सजा और बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप और उकसावे के खिलाफ कड़ी चेतावनी देना है।
यहां 'बाहरी' का संबंध अमेरिका से है। अमेरिका ताइवान का मुख्य सैन्य समर्थक है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बार-बार कहा है कि अगर हमला हुआ तो अमेरिका 23 मिलियन लोगों के लोकतंत्र की रक्षा करेगा। जबकि चीन ने जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने का ऐलान किया है।
The Eastern Theater Command of the Chinese People's Liberation Army (PLA) released demonstration map for Joint Sword-2024A military drills conducted surrounding Taiwan Island https://t.co/R9Pvxh7eh4 pic.twitter.com/4QARy3jDbJ
— China Xinhua News (@XHNews) May 23, 2024
लाई चिंग चीन के कट्टर विरोधी
फिलहाल, चीन के इस सैन्य अभ्यास से ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते के ऊपर दबाव बढ़ गया। उन्होंने सोमवार (20 मई) को अपना पदभार संभाला है। लाई चिंग को चीन का कट्टर विरोधी माना जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद कहा कि चीन को युद्ध की धमकी छोड़ देनी चाहिए।
चीन ने पहले ही लाई के पदभार संभालने पर अपनी नाराजगी का संकेत दिया था। कहा था कि लाई का भाषण स्वतंत्रता की मांग का एक खतरनाक संकेत है। चीन ने लाई को बधाई देने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भी निंदा की।
कहा-कहां हो रहा सैन्य अभ्यास
चीन की पीपुल्स लिबिरेशन आर्मी यानी पीएलए के ईस्टर्न थिएटर कमान ने सैन्य अभ्यास का मैप जारी किया है। सुबह 7:45 बजे सेना, नौसेना और वायुसेना के साथ सैन्य अभ्यास शुरू किया है। इसमें रॉकेट फोर्स भी शामिल है। इस अभ्यास को ताइवान स्ट्रेट, उत्तर, दक्षिण, पूर्वी ताइवान और उसके आसपास के ताइवान नियंत्रण वाले द्वीपों किनमेन, मात्सु, वुकिउ और डोंग्यिन में शुरू किया है। यह दो दिनों तक चलेगा।
ताइवान कर रहा मॉनिटरिंग
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन के इस मिलिट्री अभ्यास की निंदा की है। उन्होंने कहा कि चीन ने ताइवान के आसपास अपनी सेनाओं को भेज दिया है, ताकि अपने क्षेत्र की रक्षा की जा सके। इस ड्रिल से न सिर्फ ताइवाइन की शांति और स्थिरिता बाधित होगी बल्कि इससे चीन की सैन्यवादी मानसकिता का भी पता चलता है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह अभ्यास पर नजर रख रहा है।