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Seven Reasons for Bangladesh coup: बांग्लादेश में 5 अगस्त को तख्तापलट हो गया। शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। देश छोड़कर भागना पड़ा। आइए जानते हैं कि बांग्लादेश में तख्तापलट होने की 7 बड़ी वजह क्या रही।

Seven Reasons for Bangladesh coup: बांग्लादेश के इतिहास में 5 अगस्त का दिन काले धब्बे की तरह याद किया जाएगा। आर्थिक पायदान पर तेजी से कदम बढ़ा रहे इस देश में महीनों के छात्र आंदोलन के बाद तख्तापलट हो गया। दक्षिण एशिया में तेजी से उभर रहे बांग्लादेश में तख्तापलट ने देश की छवि को धूमिल कर दिया है। ऐसे में इस बात को लेकर दुनिया भर में चर्चा है कि आखिर क्या ऐसी वजह रही कि 15 साल से देश की सत्ता पर काबिज शेख हसीना को महज 45 मिनट में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। देश छोड़कर भागना पड़ा। आइए जानते हैं कि बांग्लादेश में तख्तापलट होने की 7 बड़ी वजह क्या रही।

पहली वजह: बेरोजगारी और महंगाई से नाराज थी जनता
बता दें कि बांग्लादेश की GDP वृद्धि दर लगातार 6% से ऊपर थी। इसके बावजूद बीते कुछ साल में देश में असंतोष बढ़ रहा था। कोरोना के बाद बांग्लादेश में हुकूमत के खिलाफ लोगों में नाराजगी पैदा होने लगी। महामारी के बाद बेरोजगारी और महंगाई ने जनता को और निराश कर दिया। राजनीतिक स्थिरता के बावजूद, सरकार के प्रति बढ़ता असंतोष तख्तापलट (coup) का सबसे प्रमुख कारण बना। देश के नागरिकों की नाराजगी इतनी बढ़ी कि आर्थिक प्रगति और राजनीतिक स्थिरता के बावजूद तख्तापलट हो गया। 

दूसरी वजह: धार्मिक ध्रुवीकरण ने बढ़ाई राजनीतिक अस्थिरता
हाल के वर्षों में बांग्लादेश में धार्मिक ध्रुवीकरण काफी बढ़ गया था। इसकी वजह से देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने लगी। सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगे। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की। विपक्षी पार्टियों ने छात्रों समेत समाज के दूसरे वर्गों को तख्तापलट के लिए उकसाना शुरू कर दिया। इससे जनता में आक्रोश बढ़ा। तख्तापलट करने की मांग जोर पकड़ने लगी। धर्म को लेकर जनता में बढ़ती असहमति ने सरकार को कमजोर कर दिया। इसी का फायदा विपक्ष ने उठाया। सरकार के खिलाफ माहौल तैयार किया। छात्र आंदोलन के बीच धार्मिक ध्रुवीकरण की वजह से शेख हसीना की अगुवाई वाली अवामी लीग की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया गया।

तीसरी वजह: कोर्ट के फैसलों से देश में बढ़ा असंतोष
बांग्लादेश की न्यायपालिका ने हाल ही में कुछ ऐसे फैसले सुनाए, जिनसे जनता में असंतोष बढ़ा। सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारों को दिए गए आरक्षण (Reservation) को समाप्त कर दिया। इसके साथ ही दूसरे आरक्षण कोटे को भी खत्म कर दिया। इससे जनता में भारी नाराजगी फैल गई। न्यायपालिका का यह दखल  राजनीतिक अस्थिरता का बड़ा कारण बना। इसका नतीजा यह निकला कि जनता ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस स्थिति ने देश को अराजकता की ओर धकेल दिया। न्यायपालिका के फैसले (court decisions) भी बांग्लादेश में तख्ता पलट की बड़ी वजह रहे। 

चौथी वजह: छात्रों के आंदोलन ने सरकार को झकझोरा
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन (Student movements) हमेशा से सरकार के लिए एक चुनौती रहे हैं। हाल के दिनों में, ये आंदोलन हिंसक हो गए। सरकार ने इस हिंसा के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताया। खासकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर आरोप लगाए गए कि उसने इस आंदोलन को उकसाया। इस हिंसा ने सरकार की स्थिति को और कमजोर कर दिया। छात्रों के इस आंदोलन ने देश में तख्तापलट (coup) की मांग तेज कर दी। छात्र देश भर में सड़कों पर उतर आए। राजधानी ढाका स्थित पीएम आवास तक इस आंदोलन की आंच पहुंच गई। आरक्षण के खिलाफ छात्रों के आंदोलन ने (student protests) सरकार को जड़ से ही उखाड़ फेंका। 

पांचवी वजह: विपक्ष की रणनीति ने बिगाड़ा देश का मूड
विपक्षी दलों ने सरकार को कमजोर करने के लिए जनता की नाराजगी का पूरा फायदा उठाया। विपक्षी पार्टियों ने सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना शुरू कर दी। देश की हर छोटी-बड़ी समस्याओं के लिए शेख हसीना की सरकार को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया। जनता में फैले असंतोष को विपक्ष ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए भरपूर भुनाया। इससे जनता में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता गया। विपक्ष की इस राजनीतिक चाल ने तख्तापलट (coup) को हवा दी। कुल मिलाकर  विपक्ष की रणनीति ने बांग्लादेश की एक निर्वाचित सरकार की नींव हिला दी। आखिरकार तख्तापलट हो गया।

छठी वजह: देश की आंतरिक सुरक्षा में बाहरी दखल
बांग्लादेश की आंतरिक सुरक्षा पहले से ही कमजोर थी। इस पर, पड़ोसी देशों की खुफिया एजेंसियों ने बांग्लादेश की राजनीति में दखल देना शुरू कर दिया। शेख हसीना ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी  ISI पर विपक्षी पार्टी को समर्थन देने और सरकार के खिलाफ जनाक्रोश भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। यह बाहरी दखल भी बांग्लादेश में तख्तापलट (coup) का बड़ा कारण माना जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की बांग्लादेश के इंटरनल सिक्योरिटी में सेंधमारी की वजह से तख्तापलट करना बेहद आसान हो गया।

सातवीं वजह: भारी पड़ी बुनियादी मुद्दों की अनदेखी
बांग्लादेश की सरकार ने आर्थिक विकास (Economic Development) को प्राथमिकता दी, लेकिन जनता के बुनियादी मुद्दों की अनदेखी करना उसे भारी पड़ा। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में जनता असंतुष्ट थी। इस असंतोष ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का मौका दिया। जनता की इस नाराजगी ने तख्तापलट (coup) की स्थिति को और पुख्ता कर दिया। सरकार के लिए जनता के असंतोष को नजरअंदाज करना भारी पड़ गया।

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