France Right to Abortion: महिलाओं को गर्भपात का संवैधानिक देने वाला फ्रांस दुनिया का पहला देश बन गया है। फ्रांस ने सोमवार को अपने संविधान में गर्भपात के अधिकार को शामिल किया। महिला अधिकार संगठनों ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया। वहीं गर्भपात विरोधी समूहों ने इसकी कड़ी आलोचना की। फिलहाल, पेरिस के ठीक बाहर वर्सेल्स पैलेस की गोल्डेन छत के नीचे संसद के दोनों सदनों के एक विशेष संयुक्त सत्र में गर्भपात से अधिकार से जुड़े विधेयक के पक्ष में 780 और विरोध में 72 वोट पड़े।
नतीजों के बाद झूम उठे कार्यकर्ता
वोटिंग के बाद जब नतीजों का ऐलान किया गया तो गर्भपात अधिकार से जुड़े लोग खुशी से झूम उठे। कार्यकर्ताओं ने सेंट्रल पेरिस में इकट्ठा होकर सरकार के फैसले की सराहना की। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि उन्होंने महिलाओं को गर्भपात का संवैधानिक अधिकार देने का वादा किया था, अब उनका वादा पूरा हो गया है।
The French parliament voted Monday to anchor the right to abortion in the constitution, making France the first country in the world to offer explicit protection for terminating a pregnancy in its basic law, reports AFP
— ANI (@ANI) March 4, 2024
गर्भपात के समर्थन में 80 फीसदी आबादी
फ्रांस में गर्भपात के अधिकार को संविधान में शामिल किए जाने से पहले इसको लेकर कई सर्वे हुए। जिसमें पता चला कि अमेरिका और कई अन्य देशों की तुलना में फ्रांस में गर्भपात के अधिकार को सबसे ज्यादा स्वीकारा जाता है। यहां लगभग 80% फ्रांसीसी लोग गर्भपात का समर्थन करते हैं।
प्रधानमंत्री गेब्रियल अटल ने वोटिंग से पहले सांसदों से कहा कि हम सभी महिलाओं को एक मैसेज दे रहे हैं कि शरीर आपका है और इसके लिए कोई दूसरा फैसला करे, यह ठीक नहीं है।
फ्रांस में 50 साल पहले 1974 बाद से ही महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार मिला है। हालांकि तब कानून बनने से इसका काफी विरोध भी हुआ था। लेकिन महिलाओं के गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को मान्यता देने वाले रो बनाम वेड के फैसले को पलटने के अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के 2022 के फैसले के बाद पूरी दुनिया की नजरें फ्रांस में इस कदम पर टिकी थीं।
BREAKING NOW: ⚠️ French Parliament votes 780 to 72 to make ABORTION a constitutional right..
— Chuck Callesto (@ChuckCallesto) March 4, 2024
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विरोधी नेता ने कहा- राजनीतिक लाभ रहे मैक्रों
फ्रांस के धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन ने कहा कि देश में गर्भपात के अधिकार के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन के कारण इमैनुएल मैक्रों इसका इस्तेमाल राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए कर रहे हैं।
वहीं, एसोसिएशन ऑफ कैथोलिक फैमिलीज के अध्यक्ष पास्केल मोरिनिएरे ने इस कदम को गर्भपात विरोधी प्रचारकों की हार बताया। मोरिनीरे ने यह भी कहा कि गर्भपात के अधिकार को संविधान में जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है।