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Georgia Resort Incident: जॉर्जिया के गुडौरी इलाके के एक रिसॉर्ट में 11 भारतीय समेत 12 लोगों की मौत हो गई। रिसॉर्ट में जहरीले कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की रिसाव से इन लोगों की मौत हो गई। आइए जानते हैं कि क्या होता है कार्बन मोनोऑक्साइड और शरीर पर कैसे करता है असर। 

Georgia Resort Incident: जॉर्जिया के गुडौरी इलाके के एक रिसॉर्ट में 11 भारतीय समेत 12 लोगों की मौत हो गई। रिसॉर्ट में जहरीले कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के रिसाव से इन लोगों की मौत हो गई। इन 11 लोगों में से 10 लोग पंजाब के रहने वाले थे। एक पावर जनरेटर से इस जहरीली गैस का रिसाव हुआ। इस जनरेटर को रिसॉर्ट में लाइट जाने के बाद चालू किया गया था। आइए जानते हैं कि क्या होती है कार्बन मोनोऑक्साइड और शरीर पर कैसे करती है असर। 

कार्बन मोनोऑक्साइड बनी जानलेवा
मरने वालों में 11 भारतीय और एक जॉर्जियाई नागरिक थे। जॉर्जिया पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि कमरे में रखे पावर जनरेटर से निकली जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस इनकी मौत की वजह बनी। हादसे के वक्त कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था, जिसकी वजह से गैस फैलती रही और दम घुटने से इन सभी 12 लोगों की मौत हो गई।

कार्बन मोनोऑक्साइड क्या है?
कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) एक रंगहीन और गंधहीन जहरीली गैस है। यह कार्बन युक्त फ्यूल जैसे नैचुरल गैस, गैसोलीन, लकड़ी या कोयले के अधूरे दहन से बनती है। यह गैस मुख्य रूप से गाड़ियों, इलेक्ट्रिक उपकरणों, जंगल की आग और इंडिस्ट्रियल यूनिट्स से निकलती है। शहरी क्षेत्रों में CO पॉल्यूशन का सबसे बड़ा सोर्स गाड़ियों से निकलने वाला धुआं माना जाता है। इसके साथ ही यह डीजल जनरेटर से भी निकलती है। 

कैसे बनती है कार्बन मोनोऑक्साइड?
वायुमंडल में कार्बन मोनोऑक्साइड प्राकृतिक रूप से भी उत्पन्न हो सकती है। यह मीथेन और अन्य हाइड्रोकार्बन की फोटोकैमिकल के रिएक्शन से बनती है। इसके अलावा, इनडोर CO का स्तर गैस स्टोव, स्पेस हीटर, वॉटर हीटर और तंबाकू के धुएं की वजह से भी बढ़ सकता है। कार्बन मोनोऑक्साइड एक सीरियरस एयर पॉल्यूटेंट है, जो सेहत के साथ ही पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है। 

CO का शरीर पर क्या होता है असर?
कार्बन मोनोऑक्साइड सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करती है और ब्लड में हीमोग्लोबिन के साथ मिक्स हो जाती है। इससे बॉडी में ऑक्सीजन का प्रवाह गड़बड़ा जाता है और शरीर के अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। इसके संपर्क में आने से थकान, सिरदर्द और चक्कर आना जैसी परेशानियां हो सकती हैं। हार्ट डिसीज से जूझ रहे लोगों को सीने में दर्द और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी इसका खतरनाक असर होता है। 

विंटर में ज्यादा होता है CO का खतरा
ठंड के मौसम में कार्बन मोनोऑक्साइड के चपेट में आने के मामले बढ़ जाते हैं। अक्सर गैस से चलने वाले डिवाइसेज के सही ढंग से इस्तेमाल नहीं किए जाने की वजह से ऐसा होता है। अमेरिका में हर साल 400 से अधिक लोग इस जहरीली गैस की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। इसे देखते हुए अमेरिका के कैलिफोर्निया में सभी आवासीय इलाकों में CO डिटेक्टर लगवाना अनिर्वाय कर दिया गया है।

पीड़ितों के नाम और उनकी पहचान  
हादसे में जान गंवाने वाले 11 लोग पंजाब से थे। इनमें तलवंडी साबो के हरविंदर सिंह, पटियाला के वारिंदर सिंह, तरन तारन के संदीप सिंह, जालंधर के रविंदर कुमार, सुनाम के रविंदर सिंह और उनकी पत्नी गुरविंदर कौर शामिल हैं। इसके अलावा मोगा के मानिंदर कौर और गगनदीप सिंह भी इस हादसे का शिकार हुए। सुनाम के रविंदर सिंह के परिवार ने बताया किजब यह हादसा हुआ उस समय भारी बर्फबारी के कारण सभी लोग कमरे में बंद होकर सो रहे थे।  

रिजॉर्ट मालिक पर लापरवाही का केस दर्ज
जॉर्जिया पुलिस ने हादसे को गंभीर लापरवाही करार देते हुए रिसॉर्ट के मालिक पर लापरवाही से हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। जॉर्जिया के आंतरिक मंत्रालय ने कहा है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस हादसे ने पर्यटन प्रधान देश जॉर्जिया की सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।  

भारतीय मिशन ने जताई संवेदना
जॉर्जिया स्थित भारतीय मिशन ने हादसे पर गहरा शोक जताया है। मिशन ने बयान जारी कर कहा कि शोकसंतप्त परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। स्थानीय अधिकारियों के साथ मिशन लगातार संपर्क में है। एम्बैसी ने मृतकों के परिजनों से कहा है कि सभी मृतकों की डेड बॉडी जल्द भारत पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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