Haresh Jogani Brothers Story: अमेरिका में लॉस एंजिल्स की एक अदालत ने भारतीय मूल के 5 भाइयों से जुड़े संपत्त विवाद में 21 साल बाद अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने हरेश जोगानी को अपने चार भाइयों को 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक हर्जाना देने और दक्षिणी कैलिफोर्निया में अपनी संपत्ति के शेयरों में बंटवारा करने का आदेश दिया है।
इस विवाद की तुलना कुछ वकील विक्टोरियन युग के काल्पनिक प्रोबेट मामले से कर रहे हैं। जिसके बारे में चार्ल्स डिकेंस ने अपने 1852 के उपन्यास ब्लेक हाउस में लिखा था। वकील जोगानी बनाम जोगानी को नया जार्नडाइस बनाम जार्नडाइस कह रहे हैं।
पांच भाइयों के बीच था झगड़ा
भारत के पांच भाइयों से जुड़ा 21 साल का अस्पष्ट कानूनी झगड़ा, जिन्होंने हीरे और लॉस एंजिल्स की रियल एस्टेट में संपत्ति अर्जित की है, इस सप्ताह अरबों डॉलर के अमेरिकी फैसले के साथ सार्वजनिक रूप से सामने आया, जो दशक के सबसे बड़े फैसले में से एक हो सकता है।
करीब पांच महीने के सिलसिलेवार सुनवाई के बाद जूरी ने हरेश जोगानी को अपने भाइयों शशिकांत, राजेश, चेतन और शैलेश जोगानी को 2.5 अरब डॉलर से अधिक का हर्जाना देने का आदेश दिया है। साथ ही दक्षिणी कैलिफोर्निया संपत्ति का बंटवारा भी करना होगा। इसमें 17 हजार अपार्टमेंट शामिल हैं। यह मुकदमा 2003 में दायर किया गया था। लॉस एंजिल्स सुपीरियर कोर्ट में 18 अपीलें दायर की गई थीं। आरोप लगाया गया था कि हरेश जोगानी ने अपने भाइयों के साथ लंबे समय से चली आ रही पार्टनरशिप को तोड़ दिया था।
कौन हैं हरेश जोगानी?
मूल रूप से गुजरात के रहने वाले जोगानी बंधुओं ने यूरोप, अफ्रीका, मध्य पूर्व और उत्तरी अमेरिका में वैश्विक हीरे के व्यापार में अपनी किस्मत चमकाई। 2003 में दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, शशिकांत 'शशि' जोगानी 1969 में 22 साल की उम्र में कैलिफोर्निया चले गए। जहां उन्होंने हीरा व्यवसाय में एक एकल फर्म शुरू की और एक संपत्ति पोर्टफोलियो बनाना शुरू किया।
1990 के दशक की शुरुआत में मंदी आ गई। 1994 के नॉर्थ्रिज भूकंप के बाद और स्थिति और खराब हो गई। जिसमें उनकी एक इमारत में 16 लोग मारे गए। इसके बाद शशि को अपने भाइयों को साझेदार के रूप में लाना पड़ा। इसके बाद फर्म ने खरीदारी की होड़ शुरू की। भाइयों के सहयोग से लगभग 17,000 अपार्टमेंट इकाइयों का पोर्टफोलियो बनाया। लेकिन हरेश जोगानी ने अपने भाई को फर्म के प्रबंधन से जबरन हटा दिया और उसे भुगतान करने से इनकार कर दिया।
हरेश जोगानी ने तर्क दिया कि लिखित समझौते के बिना उनके भाई यह साबित नहीं कर सके कि उनकी उनके साथ साझेदारी थी। लेकिन जूरी ने पाया कि हरेश ने मौखिक अनुबंध तोड़ दिया है। जूरी सदस्यों ने गवाही सुनी कि हीरा व्यापार और गुजरातियों दोनों में समझौते मौखिक होते हैं। शशि जोगानी के वकील स्टीव फ्रीडमैन ने कहा कि कानून कहता है कि मौखिक अनुबंध लिखित अनुबंध के समान ही मूल्यवान हैं।
जज पर लगाया नस्लीय दुश्मनी का आरोप
मुकदमा खत्म होने वाला था, हरेश जोगानी ने जज पर अपने वकील के प्रति नस्लीय दुश्मनी और अन्य आरोप लगाते हुए उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की। पिछले सप्ताह एक फाइलिंग में जज सुसान ब्रायंट-डीसन ने कुछ भी अनुचित करने से इनकार किया और इस दावे को खारिज कर दिया कि वह मामले में किसी भी पक्ष या वकील के लिए पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने प्रस्ताव को अदालत के पर्यवेक्षक न्यायाधीश के पास भेज दिया, जहां यह लंबित है।
जूरी ने निष्कर्ष निकाला कि शशि के पास रियल एस्टेट साझेदारी में 50% हिस्सेदारी है। उसके बाद 24% हरेश के पास, 10% राजेश के पास, 9.5% शैलेश के पास और 6.5% चेतन के पास है। अब 77 साल के हो चुके शशि के लिए शुरुआती हर्जाना पुरस्कार 1.8 अरब डॉलर था।