India condemns Canada Temple Attack: कनाडा के ब्राम्पटन में स्थित हिंदू सभा मंदिर में हाल ही में एक हिंसक हमला हुआ। इस हमले की भारत ने निंदा की है। मंदिर में हुए हमले की वजह से वहां चल रहे भारतीय कांसुलर शिविर में भी खलल पड़ा। इस घटना को लेकर भारत ने गहरी चिंता जताई है, और खालिस्तानी तत्वों पर इस हमले के आरोप लगाए गए हैं। दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंध और बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं।
कांसुलर शिविर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना के बाद भारतीय उच्चायोग ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि इस तरह के कांसुलर शिविर स्थानीय भारतीय समुदाय के लाभ के लिए आयोजित किए जाते हैं। लेकिन, मौजूदा सुरक्षा स्थितियों के चलते उन्होंने पहले ही सुरक्षा व्यवस्था की मांग की थी। इसके बावजूद, शिविर के दौरान हुए इस हिंसक हमले ने शिविर में आए भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Breaking: India reacts to Brampton violence by Khalistanis at Hindi Temple; Says 'deeply disappointing to see such disruption being allowed for routine consular work.."; says 'organisation of scheduled consular camps will be contingent to security arrangements" pic.twitter.com/SjRft4ZF3g
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 4, 2024
भारतीय दूतावास ने की सुरक्षा की अपील
भारतीय उच्चायोग ने इस घटना पर चिंता जाहिर की है। भारतीय उच्चयोग ने कहा कि इस तरह के शिविरों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कनाडाई प्रशासन को सौंपी गई थी। घटना के बाद यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में ऐसे शिविरों का आयोजन केवल उचित सुरक्षा व्यवस्था मिलने पर ही किया जाएगा। यह घटना भारतीय नागरिकों की सुरक्षा की चिंता बढ़ाने वाली है।
खालिस्तानी तत्वों पर हिंसा का आरोप
भारतीय-कनाडाई सांसद चंद्र आर्या ने इस घटना के लिए खालिस्तानी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि खालिस्तानी समर्थकों ने हिंदू मंदिर में हिंसा कर एक लाल रेखा पार कर दी है। इससे कनाडा में खालिस्तानी हिंसा के बढ़ते प्रभाव का भी संकेत मिलता है। इस हमले के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें हमलावरों को मंदिर में उपद्रव करते देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ट्रूडो की प्रतिक्रिया
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हिंसक घटना की निंदा करते हुए इसे ‘अस्वीकार्य’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि हर कनाडाई नागरिक को अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है। साथ ही, ट्रूडो ने सुरक्षा बलों को धन्यवाद दिया जिन्होंने त्वरित कार्रवाई कर स्थिति को नियंत्रित किया और जांच का आदेश दिया।
1000 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र जारी
इस घटना के बावजूद, भारतीय दूतावास ने सफलतापूर्वक 1000 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र जारी किए। दूतावास ने कनाडा के दूसरे शहरों जैसे वैंकूवर और सरे में भी कांसुलर शिविर आयोजित किए थे, जिनमें भी खलल डालने की कोशिश की गई थी। भारतीय उच्चायोग ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी कोशिश भारतीय नागरिकों की सुविधा में रुकावट डाल सकते हैं।
आगे के शिविरों में सुरक्षा पर जोर
भारत ने कहा है कि अगर ऐसी घटनाएं आगे भी जारी रहीं, तो कांसुलर शिविरों को रद्द करने की नौबत आ सकती है। इस दौरान, भारतीय दूतावास की तरफ से कहा गया कि सुरक्षा व्यवस्था न मिलने पर वैकल्पिक तरीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे सेवा में असुविधा हो सकती है। भारतीय दूतावास ने कनाडा में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए लगातार सुरक्षा के इंतजाम की मांग की है।