Jaishankar Defends Purchase of Russian Oil: जर्मनी के म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस ने एक सवाल के जवाब में ऐसा जवाब दिया कि अमेरिका की बोलती बंद हो गई। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन सिर्फ मुस्कराते रह गए। जयशंकर से सवाल पूछा गया था कि रूस के साथ व्यापार जारी रखते हुए भारत अमेरिका के साथ अपने बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को कैसे संतुलित करता है? जवाब में उन्होंने पूछा कि क्या यह समस्या है? दूसरों को समस्या क्यों होनी चाहिए? हम स्मार्ट हैं। हमारे पास कई विकल्प हैं, आपको तो तारीफ करनी चाहिए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूसी तेल खरीदने के भारत के फैसले का दृढ़ता से बचाव किया। उन्होंने कहा कि भारत रूस से तेल खरीदता रहेगा। इसे दूसरों के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। जयशंकर के जवाब पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक मुस्कुराने लगे। वे भी पैनल का हिस्सा थे।
EAM Jaishankar was again asked the same question of "buying Russian Oil" at Munich Security Conference in front of US secretary of state Antony Blinken.
— Incognito (@Incognito_qfs) February 17, 2024
Jaishankar: I am smart enough to have multiple alliances. You should be admiring me.
S Jaishankar is Captain Cool of politics… pic.twitter.com/MIid1KHfxC
भारत को विकल्प चुनने का अधिकार
विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा कि आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में देशों से एकआयामी संबंध बनाए रखने की उम्मीद करना अवास्तविक है। रूस एक सोर्स है। भारत को अपनी उर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनने का पूरा अधिकार है।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने अपनी खरीद नीतियों से वैश्विक तेल कीमतों में वृद्धि को रोका। नतीजा बाजार में यूरोप के साथ संभावित प्रतिस्पर्धा को रोका गया। भारत ने बार-बार बातचीत, कूटनीति और हिंसा की तत्काल समाप्ति की वकालत करके रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
विदेश मंत्री ने अमेरिका और रूस के साथ भारत के रिश्तों में मतभेद को भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि अलग-अलग देशों और अलग-अलग रिश्तों का अलग-अलग इतिहास है। हम पूरी तरह से बिना भावनाओं के लेन-देन करने वाले नहीं हैं। भारत दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध रखने में सक्षम है।