Maldives-India relations: मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारत के साथ संबंधों में सुधार की बात की है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच जो गलतफहमियां थीं, उन्हें अब दूर कर लिया गया है। मूसा जमीर का यह बयान तब आया जब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार के गठन के बाद भारत और मालदीव के संबंधों में खटास आने की चर्चा थी। मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव देखने को मिला था, खासकर भारतीय सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर।
मुइज्जू की मांग से बिगड़े थे रिश्ते
राष्ट्रपति मुइज्जू ने नवंबर 2023 में सत्ता संभालने के बाद भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग की थी। उन्होंने यह कहा था कि यदि भारत अपने सैनिक वापस नहीं बुलाता है तो यह मालदीव की लोकतांत्रिक आजादी का अपमान होगा। मुइज्जू ने भारतीय सेना की उपस्थिति को मालदीव के संविधान के खिलाफ बताया था और इसे देश के भविष्य के लिए खतरा कहा था। इस बयान के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
मुइज्जू जल्द करेंगे भारत दौरा
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू जल्द ही भारत का आधिकारिक दौरा करेंगे। 10 सितंबर को उनके प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। हालांकि, इस दौरे की तारीख अभी तय नहीं हुई है। इससे पहले मुइज्जू ने 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था। मुइज्जू के इस दौरे को दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार के रूप में देखा जा रहा है।
भारत ने की मालदीव को आर्थिक मदद की पेशकश
भारत ने मालदीव को अपने मुद्रा विनिमय कार्यक्रम (Currency Swap Program) के तहत $400 मिलियन की तत्काल वित्तीय सहायता की पेशकश की है। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, मालदीव इस सहायता का तुरंत लाभ उठा सकता है। यह कार्यक्रम क्षेत्रीय देशों को आर्थिक संकट से निपटने के लिए मदद प्रदान करता है और मालदीव की मौजूदा आर्थिक समस्याओं में इसे राहत मिल सकती है।
चीन के साथ मुइज्जू की बढ़ती नजदीकी
राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है। हाल ही में मालदीव और चीन के बीच एक नया समझौता हुआ है, जिसके तहत चीन मालदीव को और अधिक ऋण देगा। हालांकि, इस ऋण की राशि का खुलासा अभी नहीं हुआ है। मुइज्जू ने मालदीव की नीतियों में चीन को प्राथमिकता देते हुए कई बदलाव किए हैं, जिससे भारत के साथ पारंपरिक संबंधों में खटास आई है।
भारत और मालदीव के बीच संतुलन बनाने की कोशिश
मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के रिश्ते में असंतुलन देखा गया था। लेकिन अब आर्थिक संकट के चलते मुइज्जू फिर से भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है और इससे रिश्तों में सुधार की उम्मीद है।