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Tahavvur Rana: 2008 मुंबई आतंकी' हमलों का दोषी तहव्वुर राणा गुरुवार (10 अप्रैल) को भारत पहुंचेगा। दोपहर तक विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड होगा। राणा को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा। राणा की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। 

Tahavvur Rana: 2008 मुंबई आतंकी' हमलों का दोषी तहव्वुर राणा गुरुवार (10 अप्रैल) को भारत पहुंचेगा। बुधवार (9 अप्रैल) को विशेष विमान अमेरिका से राणा को लेकर रवाना हुआ। दोपहर तक विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड होगा। भारत आते ही राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)राणा की कस्टडी की मांग करेगी। राणा को राजधानी की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा। जेल में राणा की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। 

अमित शाह और जयशंकर ने की मीटिंग 
सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर राणा को विशेष एनआईए न्यायाधीश के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किए जाने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, यदि वर्चुअल पेशी संभव नहीं होती, तो उसे विशेष न्यायाधीश के आवास पर प्रस्तुत किया जा सकता है, क्योंकि महावीर जयंती के चलते कोर्ट बंद रहेगा। राणा को भारत लाने को लेकर होम मिनिस्ट्री में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मीटिंग की।

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कौन है तहव्वुर राणा?

  • तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। 64 वर्षीय राणा ने आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी में 10 साल तक बतौर डॉक्टर काम किया। राणा को काम पसंद नहीं आया और नौकरी छोड़ दी। 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
  • कनाडा से अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया। 7 भाषाएं बोल सकता है। भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाला तहव्वुर राणा अभी कनाड़ा का नागरिक है। 

ISI और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है राणा
26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। हमलों में 166 लोग मारे गए। 300 से अधिक लोग घायल हुए। मुंबई हमले की चार्जशीट में राणा का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है। राणा ISI और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है। राणा हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था। राणा ने हेडली को मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड नाम से ऑफिस खोलने में मदद की। राणा ने आतंकी गतिविधियों को छुपाने के लिए ऑफिस खोला था।  

कई वर्षों का प्रयास सफल
भारत तहव्वर राणा को अमेरिका से लाने में कई वर्षों से प्रयास कर रहा है। भारत ने दिसंबर 2019 में राणा के प्रत्यर्पण की मांग की थी। भारत ने फरवरी 2021 में आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण की मांग करते हुए अमेरिकी को नोट भेजा। जून 2021 को अमेरिका की संघीय अदालत में राणा के प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई के दौरान भारत ने सबूत पेश किए। अब कहीं जाकर  प्रत्यर्पण की सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है।

लॉस एंजिल्स के हिरासत केंद्र में था बंद
अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने ओ'हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। राणा पर मुंबई और कोपेनहेगन में आंतकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। राणा लॉस एंजिल्स के हिरासत केंद्र में बंद था। अब भारत आ रहा है। 

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