Iceland Polar Bears: आइसलैंड के एक सुदूर गांव में 8 साल बाद ध्रुवीय भालू (Polar Bears) की दुर्लभ मौजूदगी ने प्रकृति के एक अद्वितीय चमत्कार की ओर संकेत दिया, जब यह बर्फ के बहते टुकड़ों पर सवार होकर आर्कटिक से बहक कर पहुंचा। हालांकि, यह दृश्य बहुत जल्दी ही खतरनाक हो गया और पुलिस को एक स्थानीय बुजुर्ग महिला की सुरक्षा के लिए भालू को मारना पड़ा। यह घटना जलवायु परिवर्तन की एक कड़वा पहलू की याद दिलाती है।
पुलिस ने क्यों लिखा भालू को मारने का फैसला?
यह घटना 19 सितंबर को उत्तर-पश्चिम आइसलैंड में हुई, जहां पर्यावरण एजेंसी के सलाह लेने के बाद पुलिस ने भालू को मारने का फैसला लिया। अधिकारियों ने बताया कि भालू को स्थानांतरित करने का विकल्प नहीं चुना गया। वेस्टफजॉर्ड्स के पुलिस प्रमुख हेल्गी जेनसन ने कहा, "यह कुछ ऐसा नहीं है जो हम करना पसंद करते हैं। भालू एक ग्रीष्मकालीन आवास के बहुत करीब था, जिसमें एक बुजुर्ग महिला फंसी थी। वह अकेली थी और डर के मारे ऊपर के कमरे में बंद हो गई थी। उसने सेटेलाइट लिंक के जरिए अपनी बेटी से कॉन्टैक्ट किया।
2016 के बाद पहली बार आइसलैंड में दिखा भालू
बता दें कि आइसलैंड में ध्रुवीय भालू स्वाभाविक रूप से नहीं पाए जाते, लेकिन कभी-कभी वे ग्रीनलैंड से बहती बर्फ पर सवार होकर आ जाते हैं। 2016 के बाद आइसलैंड में यह पहली बार था, जब यहां ध्रुवीय भालू देखा गया। 9वीं शताब्दी से अब तक केवल 600 बार इनकी उपस्थिति दर्ज की गई है। हालांकि, ध्रुवीय भालू द्वारा मानव पर हमले अत्यंत दुर्लभ होते हैं, लेकिन 2017 के एक अध्ययन में पाया गया कि जलवायु परिवर्तन और समुद्री बर्फ के घटने से भूखे भालू कई बार जमीन पर आ रहे हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की संभावना बढ़ रही है।
44 साल में ध्रुवीय भालुओं के 73 हमले में 20 मौतें
1870 से 2014 तक कनाडा, ग्रीनलैंड, नॉर्वे, रूस और अमेरिका में ध्रुवीय भालुओं के 73 हमलों में 20 मौतें और 63 घायल होने की घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें से 15 हमले पिछले पांच साल में हुए। हालांकि आइसलैंड में ध्रुवीय भालू संरक्षित प्रजाति हैं, लेकिन अगर वे मानव जीवन या पशुओं के लिए खतरा बनते हैं, तो अधिकारियों को उन्हें मारने का अधिकार है।
वैज्ञानिक भालू की बॉडी का करेंगे अध्ययन
मारे गए पोलर बियर का वजन 150 से 200 किलोग्राम के बीच था। वैज्ञानिक इसके शरीर की जांच करेंगे, और इसे आइसलैंडिक इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल हिस्ट्री में अध्ययन के लिए भेजा जाएगा। वैज्ञानिक भालू के शरीर में परजीवी, संक्रमण, अंगों की सेहत और शरीर में फैट की मात्रा की जांच करेंगे, साथ ही इसकी खाल और खोपड़ी को संग्रह के लिए संरक्षित किया जा सकता है।