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Political turmoil in Pakistan:पाकिस्तान में असेंबली चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद सियासी उठापठक तेज है। इमरान समर्थकों ने सबसे ज्यादा 101 सीटें जीती हैं। अब निर्दलीय प्रत्याशियों ने इमरान को जेल से रिहा करने की मांग की है। जानिए पाकिस्तान में क्या है चुनाव के बाद हालात।

Political turmoil in Pakistan: पाकिस्तान में रविवार को सभी असेंबली चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए। 265 सीटों पर चुनाव हुए थे। इनमें से 264 सीटों के परिणामों का ऐलान कर दिया गया। वहीं, धांधली की शिकायत मिलने के बाद एक सीट पर काउंटिंग रोक दी गई। इस चुनाव में इमरान समर्थित कैंडिडेट्स सबसे ज्यादा 101 सीटें हासिल की। इमरान के वफादाराें ने पाकिस्तान सेना और नवाज शरीफ की अगुवाई वाली पीएमएल-एन के सत्ता में आने का समीकरण बिगाड़ दिया। 

इमरान समर्थकों ने बढाई पाक सेना की मुश्किल
पाकिस्तान के चुनाव से लेकर सरकार तक में सेना का दखल रहा लंबे समय से रहा है। हालांकि, इस बार कुछ ऐसा हुआ है कि पाकिस्तान की सेना ने भी नहीं सोचा था। पाकिस्तान के सियासी हलकों में सभी को पता है कि पाक आर्मी नवाज को सपोर्ट कर रही है। नवाज भी इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि अगर सेना साथ तो सबसे ज्यादा सीटें उनके पास ही आएगी, लेकिन इमरान के समर्थक निर्दलीय प्रत्याशियों ने तो पूरा खेल ही बदल दिया। 

कैसे इमरान के समर्थक जीते इतनी सीटें
जेल में बंद इमरान खान को असेंबली चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा था। न सिर्फ इमरान बल्कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी की भी मुश्किलें बढ़ गई थी। दोनों को दो मामलों में सजा सुना दी गई। पीटीआई को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया। ऐसे में इमरान की पीटीआई ने अपने समर्थकों को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ाने का फैसला किया। हालांकि, यह आसान नहीं  था। ऐसा कहा जा रहा है कि पाकिस्तान आर्मी ने इंडिपेंडेंट कैडिडे‍ट्स से शर्त लिया था कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो नवाज की पार्टी पीएमएलएल-एन का समर्थन करेंगे।

इमरान के कैंडिडेट्स को किया गया परेशान
इमरान के समर्थकों को इस चुनाव में कई परेशानियों से जूझना पड़ा। पीटीआई समर्थकों ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग पर भी भेदभाव के आरोप लगाए। कई जगहों पर इमरान के कैंडिडेट को ऐसे चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए जिससे उनका मजाक बन सके। इसके बावजूद यह निर्दलीय प्रत्याशी जुटे रहे। इमरान ने अपनी शादी को लेकर बुशरा के पति की ओर से दर्ज कराए गए मामले में सजा मिलने के बाद कहा कि वह सरकार और दूसरी ताकतों के आगे नहीं झुकेंगे। ऐसे में इमरान के प्रति लोगों में सहानुभूति पैदा हुई और आम लोगों ने उनके कैंडिडेट को खूब सपोर्ट किया।

इमरान समर्थकों ने शुरू की जोर आजमाइश
चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बाद इमरान समर्थकों का मनोबल बढ़ गया है। निर्दलीय प्रत्याशियों ने मांग की है कि चूंकि सबसे ज्यादा सीटें हमने जीती हैं इसलिए राष्ट्रपति को हमें सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए आमंत्रित करना चाहिए। हालांकि, यह टेक्निकली संभव नहीं है। इसकी वजह है कि इमरान के सपोर्टर्स ने किसी पार्टी के बैनर तले चुनाव नहीं लड़ा था। राष्ट्रपति सबसे ज्यादा सीट जीतने वाले दल को सरकार बनाने के लिए बुला सकते हैं। ऐसे मे नवाज की पीएमएल 75 सीटें पाकर ही आगे निकल गई और इमरान समर्थक 103 सीटें जीतकर भी पीछे रह गई है।

इमरान को जेल से बाहर निकालने की मांग तेज
इंडिपेंडेंट कैडिंडेट्स ने मांग की है कि इमरान खान को जेल से बाहर निकाला जाए। साथ ही कोर्ट का भी रुख किया है। इस बीच नवाज शरीफ और बिलावल भु‍ट्टो दोनों ही सरकार बनाने के जद्दोजहद में जुटे हैं। बिलवाल की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के हिस्से में सिर्फ 54 सीटें हैं। ऐसे में बिलावल के लिए वेट एंड वॉच करने के अलावा बहुत ज्यादा विकल्प नहीं है। फिर भी सरकार का हिस्सा बनने की कवायद में बिलावल  भी पीछे नहीं है। हालांकि, वह सामने आकर कुछ नहीं कह रहे लेकिन भीतरखाने नवाज की पार्टी के साथ बैठकें भी कर रहे हैं। पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज ने रविवार को इस बात की पुष्टि की पीपीपी के साथ बातचीत चल रही है।

बिलावल के बिना सरकार बनाने की फिराक में नवाज
इस बीच पाकिस्तान के सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज हैं कि नवाज शरीफ अपनी सरकार में बिलावल को साझेदार नहीं बनाना चाहते। इसलिए वह एमक्यूएम-पी और दूसरी छोटी पार्टियों के संपर्क में है। रविवार की सुबह यह खबर सामने आई की 17 सीटें जीतने वली एमक्यूएम-पी के साथ नवाज शरीफ का गठबंधन हो गया है। हालांकि रविवार की शाम तक एमक्यूएम ने कहा कि अभी कोई सहमति नहीं बन पाई है।

सड़कों पर उतर रहे इमरान समर्थक
अगर पाकिस्तान में अगले एक या दिन में सरकार नहीं बनती है या फिर केयरटेकर सरकार की घोषणा नहीं की जाती है तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इसकी वजह यह है कि इमरान के समर्थक अब सड़कों पर उतरने लगे हैं। कई प्रातों में इमरान के समर्थक चुनाव में धांधली को लेकर रैलियां निकाल रहे हैं। पुलिस को इन्हें रोकने में काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा समय में इमरान समर्थकों को आम लोगों को भी समर्थन मिल रहा है। 

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