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Putin to visit India soon: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार (27 मार्च) को आधिकारिक तौर पर पुष्टि की कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

Putin to visit India soon: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार (27 मार्च) को आधिकारिक तौर पर पुष्टि की कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत की यात्रा करेंगे। यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर होगी, जिसे पुतिन ने पिछले साल जुलाई में मोदी की रूस यात्रा के दौरान स्वीकार कर लिया था। लावरोव ने कहा, "पीएम मोदी ने तीसरे कार्यकाल के बाद पहली विदेश यात्रा रूस की थी। अब हमारी बारी है।"

रूसी विदेश मंत्री ने यह बयान 'रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर' समिट के दौरान दिया। इस बैठक का आयोजन रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (RIAC) ने किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस, भारत के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करना चाहता है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि यह यूक्रेन युद्ध शुरू होने (फरवरी 2022) के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी। दोनों देशों के बीच 3 साल बाद भी युद्ध जारी है। हालांकि, अमेरिका की मदद से दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने पर बातचीत चल रही है।

पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा था लेटर
पुतिन ने हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे एक संदेश में कहा था कि "रूस-भारत संबंध एक विशेष रणनीतिक साझेदारी पर आधारित हैं।" उन्होंने आगे कहा कि दोनों देश मिलकर "एक न्यायसंगत, बहु-ध्रुवीय विश्व व्यवस्था" के निर्माण में योगदान देंगे।

इन मुद्दों पर होगी चर्चा
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। दोनों देशों ने पहले ही 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान के 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 अरब डॉलर प्रतिवर्ष करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस संदर्भ में चेन्नई-व्लादिवोस्तोक शिपिंग कॉरिडोर को और अधिक सशक्त बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा, जो भारत को रूस के साथ व्यापार के लिए एक सुगम मार्ग प्रदान करेगा। इसके अलावा, ऊर्जा सुरक्षा, रक्षा सहयोग और तकनीकी हस्तांतरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है।

यात्रा के लिए आधिकारिक डेट अभी तय नहीं
पुतिन भारत यात्रा पर कब आएंगे, इसके बारे में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह यात्रा 2025 के अंत तक हो सकती है। इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिनमें रक्षा उपकरणों के निर्माण, परमाणु ऊर्जा सहयोग और व्यापार सुविधा जैसे मुद्दे शामिल होंगे।

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