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US-China Trade war: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर बड़ा 'टैरिफ बम' फोड़ा है। 'ट्रम्प सरकार' ने चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने की पुष्टि की है। बुधवार (9 अप्रैल) से टैरिफ लागू हो जाएगा।

US-China Trade war: अमेरिका और चीन के व्यापारिक तनातनी चरम पर पहुंच गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर बड़ा 'टैरिफ बम' फोड़ दिया है। 'ट्रम्प सरकार' ने चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने की पुष्टि की है। बुधवार (9 अप्रैल) से टैरिफ लागू हो जाएगा। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिना लेविट ने कहा-चीन द्वारा जवाबी कार्रवाई करना एक गलती थी। जब अमेरिका पर हमला होता है तो वह जोरदार तरीके से पलटवार करता है। यही कारण है कि आज (बुधवार) रात से चीन पर 104%  टैरिफ लागू हो जाएगा। चीन अगर कोई समझौता करने की कोशिश करता है तो वह उदार होगा।   

अमेरिकी इकोनॉमिक सरेंडर का युग खत्म 
कैरोलिना लेविट ने चीन की व्यापार नीतियों की तीखी आलोचना की और उस पर अमेरिकी श्रमिकों के लिए आर्थिक समस्याएं बढ़ाने का आरोप लगाया। प्रेस सचिव ने कहा-'राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिकी इकोनॉमिक सरेंडर का युग खत्म हो चुका है। ट्रंप अब अमेरिकी वर्कर्स और कंपनियों को मूर्खतापूर्ण व्यापार के हाथों बर्बाद होने मंजूरी नहीं देंगे, जो लाखों हाई-पेइंग जॉब्स को छीन लेती हैं और देश भर में समुदायों को खोखला कर देती हैं।

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राष्ट्रपति ट्रम्प के पास मजबूत तंत्र 
लेविट ने कहा कि चीन जैसे देश, जिन्होंने जवाबी कार्रवाई करने का फैसला किया है और अमेरिकी वर्कर्स के साथ अपने दुर्व्यवहार को दोगुना करने की कोशिश की है। वह गलती कर रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प के पास एक मजबूत तंत्र है। वह नहीं टूटेंगे और ना ही उनके नेतृत्व में अमेरिका टूटेगा। 

टैरिफ रोकने पर कोई विचार नहीं 
लेविट ने कहा-राष्ट्रपति ट्रम्प ने टैरिफ को बढ़ाने या रोकने पर कोई विचार नहीं किया है। लेकिन वह फोन पर बात करने के लिए तैयार हैं। लिबरेशन डे की घोषणा के बाद से लगभग 70 देश बातचीत शुरू करने के लिए राष्ट्रपति से संपर्क कर चुके हैं। लेविट ने आगे कहा कि ट्रम्प ने अपनी व्यापार टीम को निर्देश दिया है कि वे हर देश के साथ विशेष रूप से व्यापार समझौते करें।

भारत में भी असर शुरू
ट्रम्प के फैसले के मुताबिक, 9 अप्रैल से भारतीय उत्पादों पर 26% अतिरिक्त टैरिफ लगना शुरू हो जाएगा। इससे अमेरिका को भेजे जाने वाले टेक्सटाइल प्रोडक्ट पर भी 26% अतिरिक्त टैरिफ लगेगा। इसे देखते हुए अमेरिका के खरीदारों ने पानीपत के एक्सपोर्टर्स को दिया ऑर्डर रोक दिया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को दिल्ली में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडी-क्राफ्ट्स से जुड़े एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को बुलाया है। इसमें मुद्दा उठेगा।

चीन ने शुरू की अपनी तैयारी 
अमेरिका के 600 अरब पाउंड (करीब 760 अरब डॉलर) के सरकारी बॉन्ड चीन के पास हैं। कहा जा सकता है कि चीन के पास अमेरिकी इकोनॉमी को प्रभावित करने की बड़ी ताकत है। चीन ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। चीन ने 1.9 लाख करोड़ डॉलर का अतिरिक्त लोन इंडस्ट्रियल सेक्टर को दिया है। इससे यहां फैक्ट्रियों का निर्माण और अपग्रेडेशन तेज हुआ।   

ट्रम्प ने दी थी धमकी 
बता दें कि ट्रम्प ने 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की थी। अमेरिका के टैरिफ पर चीन ने 34% जवाबी टैरिफ का ऐलान किया था। इसके बाद ट्रम्प ने कहा था कि अगर चीन ने अमेरिका पर लगाया गया 34% टैरिफ वापस नहीं लिया तो उसे मार्च में लगाए 20% और 2 अप्रैल को लगाए गए 34% टैरिफ के साथ बुधवार से 50% एक्स्ट्रा टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।

चीन ने दिया था जवाब 
ट्रम्प के बयान पर चीन ने कहा था कि हमारे ऊपर लगे टैरिफ को और बढ़ाने की धमकी देकर अमेरिका गलती के ऊपर गलती कर रहा है। इस धमकी से अमेरिका का ब्लैकमेलिंग करने वाला रवैया सामने आ रहा है। चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। चीन यह भी कहा था कि 'अगर ट्रेड वॉर हुआ, तो चीन पूरी तरह तैयार है।  

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