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Hindu nationalism & India-US relations: अमेरिका के विदेश मंत्री ने दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में कहा कि हिंदू राष्ट्रवाद से अमेरिका को कोई जोखिम नहीं है। इस मुद्दे पर हमारी कई बार भारत से बातचीत हुई है। भारत और अमेरिका के बीच अच्छे संबंध हैं।

Hindu nationalism & India-US relations:अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF)में भारत की तारीफ की। ब्लिंकन ने हिंदू राष्ट्रवाद से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका ने भारत के सामने  इस मुद्दे को उठाया है। भारत के साथ डिप्लोमैटिक लेवल पर हिंदू राष्ट्रवाद के विषय पर कई बार बातचीत हुई है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच लोकतंत्र और मानवाधिकार के मुद्दे पर भी चर्चा की गई है। जब उनसे पूछा गया कि क्या हिंदू राष्ट्रवाद से अमेरिका को खतरा है तो इससे साफ तौर पर इनकार किया। 

भारत ने सफलता की असाधारण कहानी गढ़ी
ब्लिंकन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सफलता की असाधारण कहानी गढ़ी है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और उनके द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों का भारत के लोगों पर सकारात्मक असर हुआ है। राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच काफी अच्छे संबंध हैं। दोनों नेताओं के बीच भारत-अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने के साथ ही विभिन्न पहलूओं पर बातचीत होती है। इनमें  मानवाधिकार और लोकतंत्र की मूलभूत चिंताओं जैसे विषय शामिल होते हैं। 

भारत से लोकतंत्र के मुद्दे पर होती है खुली बातचीत
ब्लिंकन ने कहा कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों का मुद्दा अमेरिका की विदेश नीति के लिए अहम है। राष्ट्रपति बाइडेन ने पद संभालने के बाद से लगातार इन मुद्दों को विभिन्न देशों के सामने उठाया है। हर देश के सामने अमेरिका अलग अलग तरकों से इन अहम मुद्दों पर चर्चा करता है। जिन देशों के साथ हमारे साथ संबंध अच्छे हैं, उनके साथ खुल कर इस पर बात होती है। भारत  एक ऐसा देश है जिसके साथ हम लोकतंत्र और मानवधिकार जैसे अहम मुद्दों पर खुलकर बातचीत करते हैं। हमारे बीच हमेशा

भारत-अमेरिका के बीच संबंध हुए हैं बेहतर
ब्लिंकन ने कहा कि बीते कुछ सालों में भारत और अमेरिका के संबंध में पहले से बेहतर हुए हैं। दोनों देशों के बीच संबंध एक नई ऊंचाई पर पहुंचे हैं। यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति क्लिंटन की सकारात्मक सोच के कारण संभव हुआ है। दो दिन पहले भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने भी भारत की तारीफ की थी। एरिक ने कहा था कि अब भारत सिर्फ एक बैक ऑफिस की तरह काम नहीं कर रहा। यह हेल्थ, टेक्नोलॉजी और ट्रेड समेत कई क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। 

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