World's Big Q: मौत के बाद क्या होता है?' यह इंसान के लिए सबसे बड़ा अस्तित्व से जुड़ा सवाल है। लेकिन दुनिया के सबसे तेज बुद्धि वाले व्यक्तियों में से एक क्रिस लैंगन ने इसका उत्तर खोजने का दावा किया है। उनका आईक्यू लेवल 190 से 210 के बीच है। यह स्कोर महान साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन से 30-50 अंक ज्यादा है। 72 वर्षीय अमेरिकी घुड़सवार क्रिस लैंगन ने एक थ्योरी तैयार की है, जिसे कॉग्निटिव-थिओरेटिक मॉडल ऑफ यूनिवर्स (CTMU) कहते हैं। उनका कहना है कि यह सिद्धांत 'मन और वास्तविकता के बीच संबंध' की व्याख्या करता है।
मौत के बाद का जीवन कैसा है?
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, लैंगन का मानना है कि मृत्यु के बाद हम एक प्रकार के अस्तित्व से दूसरे में बदल जाते हैं। यह बदलाव वास्तविकता की गणनात्मक संरचना के भीतर होता है, जहां चेतना या 'आत्मा' एक अन्य आयाम या अस्तित्व के स्तर पर चली जाती है, जो जीवित रहते हुए हमारी पहुंच से बाहर रहता है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक स्वर्ग और नरक की अवधारणा बहुत सरल है। उनके सिद्धांत के अनुसार, मौत के बाद एक पूरी तरह से नए अस्तित्व में संक्रमण होता है।
पॉडकास्ट में किए गए खुलासे
मई में कर्ट जयमंगल के पॉडकास्ट "थ्योरीज ऑफ एवरीथिंग" में लैंगन ने समझाया था कि मृत्यु हमारे वर्तमान शरीर के साथ संबंध की समाप्ति है। जब आप इस वास्तविकता से पीछे हटते हैं, तो आप वास्तविकता की उत्पत्ति की ओर लौट जाते हैं।" उन्होंने कहा कि मृत्यु का मतलब यह नहीं है कि आप अस्तित्व से समाप्त हो जाते हैं। आपको एक वैकल्पिक शरीर प्रदान किया जा सकता है, जो आपको अस्तित्व जारी रखने की अनुमति देता है।"
यादों आ सकती हैं वापस, पर जरूरत नहीं
लैंगन के मुताबिक, मृत्यु के बाद आप अपनी पिछली पहचान को भूल सकते हैं। गणितीय रूप से कुछ भी खत्म नहीं होता है। आपकी यादों को वापस लाया जा सकता है, लेकिन आमतौर पर इसकी कोई जरूरत नहीं होती। क्योंकि एक ऐसी दुनिया की यादों से चिपके रहना जिसमें आप अब मौजूद नहीं हैं?"
सुपर कंप्यूटर जैसी स्थिति
लैंगन ने बताया कि मौत के बाद की स्थिति एक सुपरकंप्यूटर की तरह होती है, जहां सब कुछ मौजूद है, लेकिन कोई गतिविधि नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि मृत्यु के समय आप ध्यान जैसी अवस्था में होते हैं और सबकुछ बदलते हुए देखते हैं। यह माना जा सकता है कि आपके सभी जीवन, चाहे आप कितनी बार पुनर्जन्म लें, वे सभी एक साथ होते हैं।"
CTMU थ्योरी क्या है?
- लैंग्वेज रियलिटी: भाषा के रूप में वास्तविकता जानकारी से बनी होती है, जो भाषा के रूप में संरचित होती है।
- ट्रांस-टेम्पोरल रियलिटी: एक समयरेखा से दूसरी पर प्रभाव पड़ सकता है।
- पैनकॉन्शियस सब्सट्रेट: यह चेतना का एक व्यापक आधार है, जो निर्माता या सिम्युलेटर से उभरता है।
लैंगन का मानना है कि यह मॉडल ईश्वर को एक विशिष्ट गुण के रूप में देखता है, लेकिन इसे पारंपरिक स्वर्गीय देवता के रूप में नहीं मानता। CTMU को वह "थ्योरी ऑफ एवरीथिंग" मानते हैं।