Pakisatani grooming gangs:ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स से जुड़ा मामला एक बार फिर चर्चा में है। यह मामला तब गरमाया जब दुनिया के अमीर उद्योगपतियों में शुमार एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर पर तीखे सवाल उठाए। मस्क का कहना है कि स्टार्मर उस समय मुख्य अभियोजक थे। इसके बावजूद स्टार्मर ने ग्रूमिंग गैंग्स से जुड़े आरोपों पर सख्त एक्शन लेने में नाकाम रहे। इन गिरोहों ने 1997 से 2013 के बीच 1,400 लड़कियों का यौन शोषण किया। रोथरहैम शहर में हुए इस अपराध ने पूरे ब्रिटेन को झकझोर कर रख दिया था। अब यह मुद्दा फिर से संसद और सोशल मीडिया पर गरमा गया है।
पाकिस्तानियों ने 1400 लड़कियों का किया यौन शोषण
रोथरहैम कांड में 1400 से ज्यादा लड़कियों को ग्रूमिंग गैंग्स ने अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया। इन गिरोहों में ज्यादातर आरोपी पाकिस्तानी मूल के पुरुष थे। 2014 की सरकारी रिपोर्ट ने खुलासा हुआ कि यह गैंग गरीब बैकग्राउंड की नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाता था। आरोपी पहले इन लड़कियों से दोस्ती करते, फिर उन्हें महंगे गिफ्ट देते। साथ ही दूसरे तरीके का लोभ-लाचर देक अपने जाल में फंसाते। कई बार इन लड़कियों को ड्रग्स की लता लगा दी जाती। लड़कियों को उनके परिवारों से दूर कर दिया जाता। इसके बाद उनका यौन शोषण किया जाता।
कैसे पकड़ में आया पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग?
ब्रिटेन में पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग्स का मामला पहली बार तब सामने आया, जब पीड़ित लड़कियों ने हिम्मत दिखाकर अपनी आपबीती साझा की। लोकल पुलिस को 2000 के दशक की शुरुआत में किसी बड़े यौन शोषण गैंग के एक्टिव होने का संदेह हुआ। लेकिन, लंबे समय तक इन मामलों को अनदेखा किया गया। 2010 के बाद मीडिया में पीड़िताओं ने आवाज उठानी शुरू कर दी। इसके बाद जांच एजेंसियों ने भी इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। पीड़ित लड़कियों के बयान, सोशल वर्कर्स की रिपोर्ट और लोकल कम्युिनिटी से मिली कंप्लेन के आधार पर इन गिरोहों का पर्दाफाश हुआ।
ब्रिटेन में कहां-कहां हुआ यह स्कैंडल?
यह मामला ब्रिटेन के कई शहरों में उजागर हुआ, जिनमें रोदरहैम, रोशडेल, ऑक्सफोर्ड और टेलफोर्ड प्रमुख हैं। रोदरहैम में हुए खुलासे ने 1400 से अधिक लड़कियों के साथ यौन शोषण होने का मामला सामने आया। इसके साथ ही रोशडेल और ऑक्सफोर्ड में भी सैकड़ों मामले सामने आए। इन सभी मामलों में यौन शोषण का शिकार हुई लड़कियों की उम्र 11 साल से 13 साल के बीच थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो टेलफोर्ड में यह स्कैंडल करीब 40 साल तक चलता रहा, जिसमें 1000 से ज्यादा लड़कियों को यौन शोषण का शिकार बनाया गया।
क्या था गिरोहों का तरीका?
गैंग्स का तरीका बेहद शातिर था। पाकिस्तानी युवक नाबालिग लड़कियों को दोस्ती और झूठे वादों से फंसाते थे। इसके बाइ ड्रग्स और अल्कोहल देकर उनका शोषण करते। इन लड़कियों को अमीर लोगों के बिस्तर तक पहुंचाया जाता। इन लड़कियों को अपने से ज्यादा उम्र के शख्स के साथ हमबिस्तर होने के लिए मजबूर किया जाता।लड़कियां अगर विरोध करती तो गिरोह के लोग धमकियां देकर उन्हें चुप करा देते। पीड़ितों को बड़े स्तर पर यौन शोषण और मानव तस्करी का शिकार बनाया गया। गिरोहों के सदस्य लड़कियों को ब्लैकमेल कर उनके परिवारों तक को निशाना बनाते थे।
इस स्कैंडल ने ब्रिटेन को कैसे हिलाया?
इस मामले के सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की। पुलिस और प्रशासन पर लगे आरोपों ने यह सवाल खड़ा किया कि आखिर इतने साल तक इन मामलों की अनदेखी क्यों की गई। कई पीड़िताएं हिम्मत जुटाकर सामने आई और इंसाफ की गुहार लगाई। जांच रिपोर्ट्स में यह खुलासा हुआ कि यह पूरी तरह से लोकल एडमिनिस्ट्रेशन की विफलता हुई। साथ ही यह सवाल भी उठा कि क्या इस गैंग का राजनेताओं से भी कोई कनेक्शन था। हालांकि, इसका कोई पाॅलिटिकल कनेक्शन कभी साबित नहीं हुआ।
एलन मस्क का यूके सरकार पर हमला
एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर पर सीधे निशाना साधा। मस्क ने आरोप लगाया कि जब स्टार्मर मुख्य अभियोजक थे, तब उन्होंने इस मामले में आरोपियों को सजा दिलाने में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। मस्क का यह भी कहना है कि सरकार इस मुद्दे पर नई जांच से बच रही है। उनके इस बयान के बाद ब्रिटिश राजनीति में उथल-पुथल मच गई है।
सरकार और विपक्ष में तीखी बहस
ग्रूमिंग गैंग्स के मुद्दे पर ब्रिटेन की संसद में भी गरमागरम बहस देखने को मिली। विपक्षी सांसदों ने इस मामले में नई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि पहले की गई जांचों में आरोपियों और पीड़ितों के पूरे सच को सामने नहीं लाया गया। हालांकि, सरकार ने नई जांच की मांग को खारिज कर दिया है। आलोचकों का मानना है कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रही है। रोथरहैम कांड के बाद ब्रिटेन में बाल यौन शोषण के खिलाफ कई नए कानून बनाए गए। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह कानून अब भी पर्याप्त नहीं हैं। ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई और बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस उपायों की जरूरत है।