World Biggest Space Capsule: अंतरिक्ष में घूमने का शौक रखने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। जी हां, अमेरिकी स्पेस कंपनी स्पेस पर्सपेक्टिव ने इसके लिए दुनिया के सबसे बड़े स्पेसशिप नेप्चयून (Neptune) को तैयार किया है। कंपनी अंतरिक्ष की सैर कराने वाले को शानदार ऑफर मुहैया करा रही है। गुरुवार को स्पेसशिप नेप्चयून (Neptune) के अंदर की कई तस्वीरें रिलीज की गईं, जो देखने में बेहद आलिशान और आरामदायक हैं। स्पेसशिप नेप्चयून का एक वीडियो भी शेयर किया है। नेप्चयून का डिजाइन बहुत आकर्षक है। इसका इंटीरियर शानदार है। यकीनन, इसे बेहद आरामदायक बनाने की कोशिश की गई है। कंपनी ने कहा है कि इसमें लोग आराम से शैंपेन की चुस्कियां लेते हुए अंतरिक्ष के नजारों का लुत्फ उठा सकेंगे।
एक करोड़ रुपए होगी एक सीट की कीमत (World Biggest Space Capsule)
स्पेसशिप से सफर करने के लिए किसी भी व्यक्ति को एक सीट के लिए 1.25 लाख डॉलर यानी कि करीब एक करोड़ रुपए किराया देना होगा। इस स्पेस कैप्सूल में एक क्रू मेम्बर और 8 पैसेंजर्स यानी कि एक बार में नौ लाेग अंतरिक्ष घूमने जा सकते हैं। कंपनी के मुताबिक, करीब 1700 लोगों ने इस कैप्सूल से सफर करने के लिए अपना रिजर्वेशन भी करा लिया है। इस स्पेसशिप के बिना क्रू वाले फ्लाइट की टेस्टिंग अगले हफ्ते होगी। हालांकि क्रू के साथ इसे साल के अंत तक भेजा जा सकेगा।
Introducing our first completed test capsule, Spaceship Neptune - Excelsior. Excelsior is now the largest #spaceflight capsule in existence, and soon to be the largest human #spacecraft in operation (excluding the International Space Station). Its spherical capsule is 16 feet… pic.twitter.com/tiJAp4It0e
— Space Perspective (@SpacePerspectiv) February 20, 2024
हाइड्रोजन भरे गुब्बारे से उड़ेगा स्पेसशिप (World Biggest Space Capsule Neptune)
इस स्पेसशिप की खासियत यह है कि यह ड्राइड्राेजन भरे गुब्बारे की मदद से उड़ाया जाएगा। यह कैप्सूल पृथ्वी से करीब 20 मील की ऊंचाई तक ले जाएगा। यह स्पेस के लेयर नीचे स्ट्रैटोसफेयर में ही रहेगा। हालांकि, जिस तरह अंतरिक्ष में ग्रैविटी खत्म हो जाती है, वायुमंडल के इस लेयर में भी गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव नहीं होगा। चूंकि यह एक गुब्बारे की मदद से उड़ाया जाएगा इसलिए इसमें आम तौर पर स्पेस एजेंसियों की ओर से भेजे जाने वाले स्पेसशिप की तरह ज्यादा शोर नहीं होगा। ना ही यह पर्यावरण काे ज्यादा प्रदूषित करेगा।
नेपच्यून चार स्पेस कैपसूल्स में सबसे बड़ा (World Biggest Space Capsule Neptune)
बता दें कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ स्पेस स्पेस पर्सपेक्टिव ही लोगों कों अंतरिक्ष का सैर करा रही है। इसके अलावा तीन और कंपनियां है जो स्पेस कैप्सूल की सर्विस दे रहे हैं। हालांकि, नेपच्युन इन तीनों में सबसे बड़ा है । यह वर्जिन गैलेक्टिक(Virgin Glactic) कंपनी के स्पेस कैप्सूल 'स्पेसशिप-2 '(Spaceship-2) और ब्लू ओरिजन (Blue Origin) के कैप्सूल न्यू शेपहर्ड (New Shephard spaceship) से आकार में दोगुना और स्पेस एक्स के स्पेसशिप के क्रू डैगन(Crew Dragon) की तुलना में करीब चार गुना बड़ा है।
दूसरे स्पेसशिप से नेपच्यून का किराया कम (World Biggest Space Capsule Neptune Rent)
नेपच्यून का किराया दूसरे स्पेशिप की तुलना में कम है। हालांकि, इसकी वजह यह है कि यह उन स्पेशशिप्स की तुलना में कम ऊंचाई तक लेकर जाता है। हालांकि वर्जिन अटलांटिक कंपनी जहां अंतरिक्ष की सैर करने वालों को पृथ्वी से करीब 50 मील की ऊंचाई पर ले जाती है, वहीं ब्लू ओरिजिन का स्पेसशिप पृथ्वी से करीब 65 मील दूर की आसमानी सैर कराता है। हालांकि इन दोनों ही स्पेशशिप में सफर करने का किराया पर्सपेक्टिव की तुलना में दुगना से भी ज्यादा है।
क्या-क्या है नेपच्यून के अंदर की सुविधाएं (World Biggest Space Capsule Neptune Facilities)
कैप्सूल के बैठने की आलीशान जगह है। वाई-फाई और बढ़िया भोजन की सुविधाएं हैं। इसमें दूसरे स्पेसशिप की तुलना में ज्यादा बड़ा विंडो है। इन बड़ी खिड़कियों की वजह से स्पेसशिप में बैठे लोगों काे पृथ्वी का अच्छा पैनॉर्मिक व्यू मिलेगा। स्पेसशिप के अंदर ही एक रेस्टरूम भी है, जिसे कंपनी ने स्पेस स्पा का नाम दिया है। इसमें रीक्लाइनिंग सीट लगे हैं और अंदर ही एक छोटी सी जगह हैं जहां पर शैंपेन रखी होगी। पैसेंजेर्स इसका लुत्फ उठा सकेंंगे। सभी सीटें रीक्लाइनिंग हैं।
कैसा होगा व्यू जब नेपच्युन जाएगा ऊपर (World Biggest Space Capsule Neptune View)
स्पेसशिप बैलून के जरिए ही नीचे भी उतारा जाएगा। और ऊपर भी यह काफी तेजी के साथ नहीं जाएगा। इसमें करीब 6 घंटे तक पैसेंजर्स आसमान की सैर का आनंद उठाएंगे। यात्रा के दौरान हर दिशा में करीब 350 मील की दूरी तक के व्यू का मजा ले सकेंगे। वहीं, अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद सभी पैसेंजर्स को चारों तरफ अंधेरा नजर आने लगेग और वह पृथ्वी के कर्वेचर को देख सकेंगे। लौटते समय में यह गुब्बारे के सहारे नीचे उतरेगा। उस समय यान की चाल ठीक वैसी ही होगी जैसी पानी की सतर पर तैरते आईसक्यूब की होती है। यह हल्के हिचकोले खाते हुए नीचे की ओर आएगा और पानी की सतह पर ही लैंड करेगा।