US operation in Red Sea: अमेरिका ने लाल सागर में आतंक मचा रहे है हूती विद्रोहियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। अमेरिका ने हेलिकॉप्टर हमले कर हूतियों के तीन नौकाओं को डुबो दिया। इसके साथ ही 10 विद्रोहियों को भी मार गिराया। हूती लड़ाकों ने सिंगापुर के झंडे वाले मर्स्क शिपिंग लाइन के कंटेनेर शिप हांगझोऊ को रोकने की कोशिश की जिसके बाद अमेरिका की ओर से यह सैन्य कार्रवाई की गई। इन हूती विद्रोहियों ने बीते सप्ताह भारत आ रहे तीन जहाजों पर ड्रोन अटैक किए थे।
यूएस सेंट्रल कमांड ने दी जानकारी
यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM)ने इसकी पुष्टि की है। समुद्री जंग रविवार रात करीब 8.30 बजे हुआ। मर्स्क के जहाज को हूती विद्रोहियों ने घेर लिया। इस शिप को रोककर इसमें चढ़ने की कोशिश की। इसके बाद शिप हांगझोऊ ने ड्रिस्ट्रेस कॉल किया। जानकारी मिलते ही अमेरिकी नेवी ने दो हेलिकॉप्टर यूएसएस आइजनहावर और यूएसएस ग्रेवली को साथ लेकर ऑपरेशन शुरू किया और जहाज पर हूतियों को चढ़ने से रोक दिया।
Iranian-backed Houthi small boats attack merchant vessel and U.S. Navy helicopters in Southern Red Sea
— U.S. Central Command (@CENTCOM) December 31, 2023
On Dec. 31 at 6:30am (Sanaa time) the container ship MAERSK HANGZHOU issued a second distress call in less than 24 hours reporting being under attack by four Iranian-backed… pic.twitter.com/pj8NAzjbVF
बीते साल अक्टूबर से आतंक मचा रहे हूती
हूतियों ने भी अमेरिकी हमले की बात मानी है। हूति के एक प्रवक्ता ने कहा कि जहाज के क्रू ने हमारी वार्निग कॉल नहीं सुनी। जिसके बाद हमने जहाज पर अटैक किया। जवाब में अमेरिकी की ओर से हमारी बोट पर हमले किए गए। इससे हमारी नौकाओं को नुकसान पहुंचा है। हमारे 10 लड़ाके या तो मारे गए हैं या लापता हैं। हूती बीते साल अक्टूबर से ही लाल सागर में कई जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन अटैक कर चुके हैं। इन्हें रोकने के लिए अमेरिका ने पिछले महीने ऑपरेशन शुरू किया था।
कई शिपिंग लाइन ने लाल सागर रुट छोड़ा
हूतियों के हमले में 14 हजार कंटेनर लदे जहाज को नुकसान नहीं हुआ। इसने अपना आगे का सफर जारी रखा। इस पर थे। हालांकि इसने लाल सागर रुट से जहाजों की आवाजाही रोकने का ऐलान किया है। कुछ ग्लोबल शिपिंग कैरियर्स पहले ही इस रूट का इस्तेमाल बंद कर चुके हैं। जहाजों के रास्ता बदलने से भारत और खासकर यूरोपीय बाजारों के बीच होने वाला ट्रेड प्रभावित होगा। खासकर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ सकती है।